लेकिन फिर भी मैं खामोश होकर जोर-जोर से चीखना चाहती हूं और अपने अन्दर के गुस्से को बाहर लेकिन फिर भी मैं खामोश होकर जोर-जोर से चीखना चाहती हूं और अपने अन्दर के गुस्से क...
उसे उस दिन अहसास हुआ कि जीवन में छायादार वृक्ष का होना कितना जरूरी है। उसे उस दिन अहसास हुआ कि जीवन में छायादार वृक्ष का होना कितना जरूरी है।
चन्दावर के युद्ध में मुहम्मद ग़ोरी ने जयचन्द्र को भी हराया और मार डाला। चन्दावर के युद्ध में मुहम्मद ग़ोरी ने जयचन्द्र को भी हराया और मार डाला।
उन्होंने जहर मिला वह भोजन बड़े ही चाव से ग्रहण कर लिया। उन्होंने जहर मिला वह भोजन बड़े ही चाव से ग्रहण कर लिया।
मैं आपकी तरह अर्थशास्त्र और वाणिज्य का माहिर खिलाड़ी तो हूँ नहीं मैं आपकी तरह अर्थशास्त्र और वाणिज्य का माहिर खिलाड़ी तो हूँ नहीं
किसी भी निश्चित दिशा में यथार्थ पुरुषार्थ की भूमिका हमेशा ही अनिवार्य रहती है। किसी भी निश्चित दिशा में यथार्थ पुरुषार्थ की भूमिका हमेशा ही अनिवार्य रहती है।